Friday, June 27, 2008

देख तेरे हिन्दुस्तान मैं काले अंग्रेज खड़े हैं बापू

देख तेरे हिन्दुस्तान मैं काले अंग्रेज खड़े हैं बापू....तेरे भारत को बरबाद करने अडे हैं बापू

कभी होड़ थी महान बनने की अकबर, टीपू सुलतान बनने की...
एकलव्य, सरवन कुमार बनने की ....जवान और किसान बनने की.

आज ना जाने क्यूँ गिरने पर अडे हैं ......जाती पति तो छोड़ भाई भाई भिडे हैं
कल के भारती आज के शैतान बने हैं...
भूल के ३००० साल का इतिहास यह न जाने किस और चले हैं..देख तेरे हिंदुस्तान मैं काले अंग्रेज खड़े हैं.

राजस्थान जले हैं आरक्षण की आस मैं..
कल के स्वाभिमानी आज भीख को लड़े हैं...गोवेर्धन उठाने वाले ग्वाले आज बैसाखी को भिडे हैं.
कही पटरी उखाडी तो कही बस जलाई...कोई आग ख़ुद लगी तो कोई राजनीति ने लगाई
पूछ इनसे क्या क्या उस वक्त इन्हे तेरी एक पल याद ना आई....
भूल गए थे के तू अपनी जिद पर अडा था ..हर सितम के बाद भी अहिंसा का हथियार लिए खड़ा था

अधिकार के लिए लडो यह तो सुभाष ने कहा था ....पर भीख मागने का सबक इन्होने किस्से लिया था......
भूल के सारी सीख यह न जाने किस और चले हैं ....देख तेरे हिंदुस्तान मैं काले अंग्रेज खड़े हैं.......

इस दिल्ली की कहानी मत सुनना आंसू जम जायेंगे,
इसकी गलियों से मत गुजरना विचार तक सहम जायेंगे..
यहाँ नारी पूजी नही लूटी जाती हैं ....कभी सडको पर कभी रेल मैं तो कभी घरो मैं कुरुसभा दोहराई जाती हैं.....
कई दुशाशन हैं और अनगिनत द्रौपदी....बस नही आता तो कान्हा नही आता...
और न ही कोई अर्जुन न भीम कोई कसम खाता.
बस रो लेती हैं तेरे भारत की भूमि और वो सहमी सी घबराई से आँखे जो कभी बेटे को दूध पिलाती थी या कभी भाई को राखी बांधती थी.......
नारी को उपभोग की वस्तु मान ये कौरव किस ओर चले हैं.......देख तेरे हिंदुस्तान मैं काले अंग्रेज खड़े हैं.......

बाकि बाद मैं .....

1 comment:

Anuka said...

A well thoughtful write up gives a direction to a a right inspiration.
Bohat bhadiya likha .padhne ke baad lagta hai kya Itna bura hai sab kuch...kuch achaiyan bhi to hai...magar as well said kuch kharabiyan ek badi se achaayi ko bhi dhaK leti hain..last two paragraphs are the most well written